कहीं मन में है एक उमंग कोई हमसफर भी हो संग कहीं मन में है एक उमंग कोई हमसफर भी हो संग
तेरे इश्क़ में मलंग मुझे रहना... तेरे इश्क़ का क्या कहना..... तेरे इश्क़ में मलंग मुझे रहना... तेरे इश्क़ का क्या कहना.....
दो ज़िस्म एक, चारों ओर ताप , बँधन से परे, प्यार एक एहसास। दो ज़िस्म एक, चारों ओर ताप , बँधन से परे, प्यार एक एहसास।
क्योंकि आया बसंत है। क्योंकि आया बसंत है।
इसलिये ही हर घर के किवाड़ में, दिखता है सिर्फ़ एक ही पल्ला ! इसलिये ही हर घर के किवाड़ में, दिखता है सिर्फ़ एक ही पल्ला !
सावन के मौसम में कवि को अपनी प्रियतमा की याद आती है और वे उससे मिलने के लिए बेताब हो उठते हैं। वे उ... सावन के मौसम में कवि को अपनी प्रियतमा की याद आती है और वे उससे मिलने के लिए बेत...